Saturday, May 2, 2015

2nd Chapter 30th Sloka

देही नित्यमवध्योऽयं देहे सर्वस्य भारत ।
तस्मात्सर्वाणि भूतानि न त्वं शोचितुमर्हसि ॥२.३०॥

dehī nityamavadhyo'yaṃ dehe sarvasya bhārata |
tasmātsarvāṇi bhūtāni na tvaṃ śocitumarhasi ||2.30||

देही 1/1 नित्यम् 0 अवध्यः 1/1 अयम् 1/1 देहे 7/1 सर्वस्य 6/1 भारत S/1
तस्मात् 5/1 सर्वाणि 2/3 भूतानि 2/3 0 त्वम् 1/1 शोचितुम् 0 अर्हसि II/1 ॥२.३०॥


·         देही [dehī] = the indweller of the body = देहिन् (m.) + 1/1
o   देहः अस्य अस्ति इति देही
o   देह + सुँ + इनिँ
·         नित्यम् [nityam] = always = अव्ययम्
·         अवध्यः [avadhyaḥ] = indescructible = अवध्य (m.) + 1/1
o   वध् (1P) to kill + यत् (object) = वध्य
o   वध् is not used in the classical Sanskrit.
o   न वध्यः इति अवध्यः । नञ्तत्पुरुषसमासः
·         अयम् [ayam] = this = इदम् (pron. m.) + 1/1
·         देहे [dehe] = in the body = देह (m.) + 7/1
·         सर्वस्य [sarvasya] = of all = सर्व (pron. n.) + 6/1
·         भारत [bhārata] = O! descentant of Bharata! = भारत (m.) + सम्बोधने 1/1
·         तस्मात्  [tasmāt] = therefore = तत् (pron. n.) + 5/1
·         सर्वाणि [sarvāṇi] = all = सर्व (pron. n.) + 1/3
·         भूतानि [bhūtāni] = beings = भूत (n.) + 1/3
·         [na] = not = अव्ययम्
·         त्वम् [tvam] = you = युष्मद् (pron. m.) + कर्तरि to अर्हसि 1/1
·         शोचितुम् [śocitum] = to grieve = अव्ययम्
o   शुच् (to grieve) + तुम् (to infinitive)
·         अर्हसि [arhasi] = (you) deserve = अर्ह् (1P) to deserve + लट्/कर्तरि/II/1

This indweller of the bodies of all beings, is ever indestructible, Oh! Descendant of Bharata. Therefore, you ought not to grieve for all these people.


Sentence 1:
अयम् 1/1 देही 1/1 सर्वस्य 6/1 देहे 7/1 नित्यम् 0 अवध्यः 1/1 भारत S/1
This (अयम् 1/1) indweller of bodies (देही 1/1) of all being (सर्वस्य 6/1 देहे 7/1) is ever (नित्यम् 0) indestructible (अवध्यः 1/1) Oh! Descendant of Bharata (भारत S/1).

Sentence 2:
तस्मात् 5/1 त्वम् 1/1 सर्वाणि 2/3 भूतानि 2/3 शोचितुम् 0 0 अर्हसि II/1 ॥२.३०॥
Therefore (तस्मात् 5/1) you (त्वम् 1/1) ought (अर्हसि II/1) not ( 0) to grieve (शोचितुम् 0) over all (सर्वाणि 2/3) the beings (भूतानि 2/3).




अथ 0 इदानीम् 0 प्रकरण-अर्थम् 2/1 उपसंहरन् 1/1 ब्रूते III/1
देही 1/1 शरीरी 1/1 नित्यम् 0 सर्वदा 0 सर्व-अवस्थासु 7/3 अवध्यः 1/1 निरवयवत्वात् 5/1 नित्यत्वात् 5/1 0 तत्र 0 अवध्यः 1/1 अयम् 1/1  देहे 7/1 शरीरे 7/1 सर्वस्य 6/1 सर्वगतत्वात् 5/1 स्थावर-आदिषु 7/3 स्थितः 1/1 अपि 0 सर्वस्य 6/1 प्राणि-जातस्य 6/1 देहे 7/1 वध्यमाने 7/1 अपि 0 अयम् 1/1 देही 1/1 0 वध्यः 1/1 यस्मात् 5/1, तस्मात् 5/1, भीष्म-आदीनि 2/3 सर्वाणि 2/3 भूतानि 2/3 उद्दिश्य 0 0 त्वम् 1/1 शोचितुम् 0 अर्हसि II/1

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