Saturday, March 28, 2015

2nd Chapter 22nd Sloka

वासांसि जीर्णानि यथा विहाय नवानि गृह्णाति नरोऽपराणि ।
तथा शरीराणि विहाय जीर्णान्यन्यानि संयाति नवानि देही ॥२.२२॥

vāsāṃsi jīrṇāni yathā vihāya navāni gṛhṇāti naro'parāṇi |
tathā śarīrāṇi vihāya jīrṇānyanyāni saṃyāti navāni dehī ||2.22||

वासांसि 2/3 जीर्णानि 2/3 यथा 0 विहाय 0 नवानि 2/3 गृह्णाति III/1 नरः 1/1 अपराणि 2/3
तथा 0 शरीराणि 2/3 विहाय 0 जीर्णानि 2/3 अन्यानि 2/3 संयाति III/1 नवानि 2/3 देही 1/1 ॥२.२२॥

·         वासांसि [vāsāṃsi] = clothes = वासस् (n.) + कर्मणि to विहाय 2/3
·         जीर्णानि [jīrṇāni] = old = जीर्ण (n.) + adj. to वासांसि 2/3
·         यथा [yathā] = just as = अव्ययम्
·         विहाय [vihāya] = having giving up = अव्ययम्
o   वि + ओँहाक् त्यागे + ल्यप्
·         नवानि [navāni] = old = नवा (n.) + adj. to वासांसि 2/3
·         गृह्णाति [gṛhṇāti] = ग्रह् (9U) to take + लट्/ कर्तरि /III/1
·         नरः [naraḥ] = a person = नर (m.) + 1/1
·         अपराणि [aparāṇi] = other = अपर (pron. n.) + adj. to [वासांसि] 2/3
·         तथा [tathā] = so too = अव्ययम्
·         शरीराणि [śarīrāṇi] = bodies = शरीर (n.) + कर्मणि to विहाय 2/3
·         विहाय [vihāya] = having giving up = अव्ययम्
·         जीर्णानि [jīrṇāni] = old = जीर्ण (n.) + adj. to शरीराणि 2/3
·         अन्यानि [anyāni] = other = अन्य (pron. n.) + adj. to [शरीराणि] 2/3
·         संयाति [saṃyāti] = सम् + या (2P) to gain + लट्/ कर्तरि /III/1
·         नवानि [navāni] = old = नवा (n.) + adj. to वासांसि 2/3
·         देही  [dehī] = one who has body = देहिन् (m.) + 1/1
o   देहः अस्य अस्ति इति देही


यथा clause:
यथा 0 नरः 1/1 जीर्णानि 2/3 वासांसि 2/3 विहाय 0 अपराणि 2/3 नवानि 2/3 [वासांसि 2/3] गृह्णाति III/1
Just as (यथा 0) a person (नरः 1/1) takes (गृह्णाति III/1) new (नवानि 2/3) other (अपराणि 2/3) clothes (वासांसि 2/3) having given up (विहाय 0) old (जीर्णानि 2/3) clothes (वासांसि 2/3),

तथा clause:
तथा 0 देही 1/1 जीर्णानि 2/3 शरीराणि 2/3 विहाय 0 अन्यानि 2/3 नवानि 2/3 [शरीराणि 2/3] संयाति III/1 ॥२.२२॥
So too, (तथा 0) an indweller of the body (देही 1/1) gains (संयाति III/1) new (नवानि 2/3) other (अन्यानि 2/3) bodies (शरीराणि 2/3) having given up (विहाय 0) old (जीर्णानि 2/3) bodies (शरीराणि 2/3).

प्रकृतम् 2/1 तु 0 वक्ष्यामः I/3 । तत्र 0 आत्मनः 6/1 अविनाशित्वम् 1/1 प्रतिज्ञातम् 1/1 तत् 1/1 किम् 1/1 इव 0 इति 0, उच्यते III/1
वासांसि 2/3 वस्त्राणि 2/3 जीर्णानि 2/3 दुर्बलताम् 2/3 गतानि 2/3 यथा 0 लोके 7/1 विहाय 0 परित्यज्य 0 नवानि 2/3 अभिनवानि 2/3 गृह्णाति III/1 उपादत्ते III/1 नरः 1/1 पुरुषः 1/1 अपराणि 2/3 अन्यानि 2/3, तथा 0 तद्वत् 0 एव 0 शरीराणि 2/3 विहाय 0 जीर्णानि 2/3 अन्यानि 2/3 संयाति III/1 संगच्छति III/1 नवानि 2/3 देही 1/1 आत्मा 1/1 पुरुषवत् 0 अविक्रियः 1/1 एव 0 इति 0 अर्थः 1/1

No comments:

Post a Comment

Please use this form to report typos, make suggestions, ask questions on grammatical points.
For English translation, interpretation, etc. Please refer to Bhagavad Gita Home Study Course.
Please note that this website is meant for grammar.
Thank you.

Medha Michika's books on Sanskrit Grammar are available at: Amazon in your country.

Free download of PDF files are available at Arsha Avinashi Foundation.