Sunday, July 28, 2024

9th Chapter 8th Sloka

प्रकृतिं स्वामवष्टभ्य विसृजामि पुनः पुनः ।

भूतग्राममिमं कृत्स्नमवशं प्रकृतेर्वशात् ॥ ९.८ ॥

 

prakṛtiṃ svāmavaṣṭabhya visṛjāmi punaḥ punaḥ |

bhūtagrāmamimaṃ kṛtsnamavaśaṃ prakṛtervaśāt || 9.8 ||

 

प्रकृतिम् 2/1 स्वाम् 2/1 अवष्टभ्य 0 विसृजामि I/1 पुनः 0 पुनः 0

भूतग्रामम् 2/1 इमम् 2/1 कृत्स्नम् 2/1 अवशम् 0 प्रकृतेः 6/1 वशात् 5/1 ॥ ९.८ ॥

 

·       प्रकृतिम् [prakṛtim] = prakṛti = प्रकृति (f.) + कर्मणि to अवष्टभ्य 2/1

·       स्वाम् [svām] = my own = स्वा pron. f. + adj. to प्रकृतिम् 2/1

·       अवष्टभ्य [avaṣṭabhya] = keeping ~ under control = अव्ययम्

o   अव + स्था + ल्यप्

·       विसृजामि [visṛjāmi] = I create = वि + सृज् to create + लट्/कर्तरि/I/1

·       पुनः [punaḥ] = again = अव्ययम्

·       पुनः [punaḥ] = again = अव्ययम्

·       भूतग्रामम् [bhūtagrāmam] = group of beings = भूतग्राम (n.) + कर्मणि to विसृजामि 2/1

·       इमम् [imam] = this = इदम् pron. f. + adj. to भूतग्रामम् 2/1

·       कृत्स्नम् [kṛtsnam] = entire = कृत्स्न (n.) + adj. to भूतग्रामम् 2/1

·       अवशम् [avaśam] = necessarily = अव्ययम्

·       प्रकृतेः [prakṛteḥ] = of prakṛti.= प्रकृति (f.) + सम्बन्धे to वशात् 6/1

·       वशात् [vaśāt] = by the force = वश (m.) + हेतु 5/1

 

 

Sentence 1:

स्वाम् 2/1 प्रकृतिम् 2/1 अवष्टभ्य 0 प्रकृतेः 6/1 वशात् 5/1 इमम् 2/1 कृत्स्नम् 2/1 भूतग्रामम् 2/1 पुनः 0 पुनः 0 अवशम् 0 विसृजामि I/1 ॥ ९.८ ॥

Keeping my own (स्वाम् 2/1) prakṛti (प्रकृतिम् 2/1) under control (अवष्टभ्य 0), again and again (पुनः 0 पुनः 0) I create (विसृजामि I/1) this (इमम् 2/1) entire (कृत्स्नम् 2/1) group of beings (भूतग्रामम् 2/1) necessarily (अवशम् 0), by the force (वशात् 5/1) of prakṛti (प्रकृतेः 6/1).

 

 

एवम् अविद्यालक्षणाम्

प्रकृतिं स्वां स्वीयाम् अवष्टभ्य वशीकृत्य विसृजामि पुनः पुनः प्रकृतितो जातं भूतग्रामं भूतसमुदायम् इमं वर्तमानं कृत्स्नं समग्रम् अवशम् अस्वतन्त्रम् , अविद्यादिदोषैः परवशीकृतम् , प्रकृतेः वशात् स्वभाववशात् ॥ ८ ॥

 

 

 

 

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