Wednesday, December 9, 2015

3rd Chapter 23rd Sloka

यदि ह्यहं न वर्तेयं जातु कर्मण्यतन्द्रितः ।
मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ॥३.२३॥

yadi hyahaṃ na varteyaṃ jātu karmaṇyatandritaḥ |
mama vartmānuvartante manuṣyāḥ pārtha sarvaśaḥ ||3.23||

यदि 0 हि 0 अहम् 1/1 0 वर्तेयम् I/1 जातु 0 कर्मणि 7/1 अतन्द्रितः 1/1
मम 6/1 वर्त्म 2/1 अनुवर्तन्ते III/3 मनुष्याः 1/3 पार्थ 8/1 सर्वशः 0 ॥३.२३॥


·         यदि [yadi] = if = अव्ययम्
·         हि [hi] = because = अव्ययम्
·         अहम् [aham] = I = अस्मद् (pron. m.) + कर्तरि to वर्तेयम् 1/1
·         [na] = not = अव्ययम्
·         वर्तेयम् [varteyam] = should do = वृत् to engage + विधिलिङ्/कर्तरि/I/1
o   वृत् + विधिलिङ्
वृत् + अम्
वृत् + यासुट् + अम्
वृत् + ईय् + अम्
वृत् + शप् + ईय् + अम्
वर्त् + अ + ईय् + अम्
·         जातु [jātu] = never = अव्ययम्
·         कर्मणि [karmaṇi] = in action = कर्मन् (n.) + अधिकरणे 7/1
·         अतन्द्रितः [atandritaḥ] = without being lazy = अतन्द्रित (m.) + adj. to अहम् 1/1
·         मम [mama] = for me = अस्मद् (pron. m.) + 6/1
·         वर्त्म [vartma] = track = वर्त्मन् (n.) + कर्मणि to अनुवर्तन्ते 2/1
·         अनुवर्तन्ते [anuvartante] = follow = अनु + वृत् to follow + लट्/कर्तरि/III/3
·         मनुष्याः [manuṣyāḥ] = people  = मनुष्य (m.) + कर्तरि to अनुवर्तन्ते 1/3
·         पार्थ [pārtha] = son of Pṛthā = पार्थ (m.) + सम्बोधने 1/1
·         सर्वशः [sarvaśaḥ] = in every way = अव्ययम्


Because, should I ever not engage myself in action, without being lazy, Oh! Pārtha, people would follow my example in every way.


Sentence 1:
यदि 0 हि 0 अहम् 1/1 0 वर्तेयम् I/1 जातु 0 कर्मणि 7/1 अतन्द्रितः 1/1
मम 6/1 वर्त्म 2/1 अनुवर्तन्ते III/3 मनुष्याः 1/3 पार्थ 8/1 सर्वशः 0 ॥३.२३॥
Because (हि 0), should I (यदि 0अहम् 1/1) ever (जातु 0) not ( 0) engage myself (वर्तेयम् I/1) in action (कर्मणि 7/1), without being lazy (अतन्द्रितः 1/1), Oh! Pārtha (पार्थ 8/1), people (मनुष्याः 1/3) would follow (अनुवर्तन्ते III/3) my (मम 6/1) example (वर्त्म 2/1) in every way (सर्वशः 0).



।।3.23।। --
यदि 0 हि 0 पुनः 0 अहम् 1/1 0 वर्तेयम् I/1 जातु 0 कदाचित् 0 कर्मणि 7/1 अतन्द्रितः 1/1 अनलसः 1/1 सन् 1/1 मम 6/1 श्रेष्ठस्य 6/1 सतः 6/1 वर्त्म 2/1 मार्गम् 2/1 अनुवर्तन्ते III/3 मनुष्याः 1/3 हे 0 पार्थ 8/1, सर्वशः 0 सर्वप्रकारैः 3/3

1 comment:

  1. वृत् being आत्मनेपद, in some edition the word वर्तेय is used instead of वर्तेयम्.
    Namaste,

    ReplyDelete

Please use this form to report typos, make suggestions, ask questions on grammatical points.
For English translation, interpretation, etc. Please refer to Bhagavad Gita Home Study Course.
Please note that this website is meant for grammar.
Thank you.

Medha Michika's books on Sanskrit Grammar are available at: Amazon in your country.

Free download of PDF files are available at Arsha Avinashi Foundation.