Tuesday, December 1, 2015

3rd Chapter 15th Sloka

कर्म ब्रह्मोद्भवं विद्धि ब्रह्माक्षरसमुद्भवम् ।
तस्मात् सर्वगतं ब्रह्म नित्यं यज्ञे प्रतिष्ठितम् ॥३.१५॥

karma brahmodbhavaṃ viddhi brahmākṣarasamudbhavam |
tasmāt sarvagataṃ brahma nityaṃ yajñe pratiṣṭhitam ||3.15||

कर्म 2/1 ब्रह्मोद्भवम् 2/1 विद्धि II/1 ब्रह्म 2/1 अक्षरसमुद्भवम् 2/1
तस्मात् 5/1 सर्वगतम् 1/1 ब्रह्म 1/1 नित्यम् 0 यज्ञे 7/1 प्रतिष्ठितम् 1/1 ॥३.१५॥

·         कर्म [karma] = action = कर्मन् (n.) + कर्मणि to विद्धि 2/1
·         ब्रह्मोद्भवम् [brahmodbhavam] = born of the Veda = ब्रह्मोद्भव (n.) + objective complement to कर्म 2/1
o   ब्रह्म वेदः उद्भवः यस्य तत् ब्रह्मोद्भवम् (116B) = कर्म
·         विद्धि [viddhi] = may you know = भू to know + लोट्/कर्तरि/II/1
·         ब्रह्म [brahma] = the Veda = ब्रह्मन् (n.) + कर्मणि to विद्धि 2/1
·         अक्षरसमुद्भवम् [akṣarasamudbhavam] = born of imperishable Īśvara= अक्षरसमुद्भव (n.) + objective complement to ब्रह्म 2/1
o   अक्षरं समुद्भवः कारणं यस्य तत् अक्षरसमुद्भवम् (116B) = ब्रह्म
·         तस्मात् [tasmāt] = therefore = तद् (n.) + हेतौ 5/1
·         सर्वगतम् [sarvagatam] = all-pervasive = सर्वगत (n.) + 1/1
o   सर्वं गतं सर्वगतम् (2T) सर्वार्थप्रकाशकत्वात् ।
·         ब्रह्म [brahma] = the Veda = ब्रह्मन् (n.) + 1/1
·         नित्यम् [nityam] = always = अव्ययम्
·         यज्ञे [yajñe] = in yajña  = यज्ञ (m.) + 7/1
·         प्रतिष्ठितम् [pratiṣṭhitam] = one who abides = प्रतिष्ठित (n.) + 1/1
o   प्रति + स्था + क्त


May you understand karma (ritual, prayer, etc.) to be born of the Veda and the Veda to be born of the imperishable Īśvara. Therefore, the all-pervasive Brahma (the Veda) abides always in yajña.
.


Sentence 1:
कर्म 2/1 ब्रह्मोद्भवम् 2/1 विद्धि II/1 ब्रह्म 2/1 अक्षरसमुद्भवम् 2/1
May you understand (विद्धि II/1) karma (कर्म 2/1) (ritual, prayer, etc.) to be born of the Veda (ब्रह्मोद्भवम् 2/1) and the Veda (ब्रह्म 2/1) to be born of the imperishable Īśvara (अक्षरसमुद्भवम् 2/1).


Sentence 2:
तस्मात् 5/1 सर्वगतम् 1/1 ब्रह्म 1/1 नित्यम् 0 यज्ञे 7/1 प्रतिष्ठितम् 1/1 ॥३.१५॥
Therefore (तस्मात् 5/1), the all-pervasive (सर्वगतम् 1/1) Brahma (ब्रह्म 1/1) (the Veda) abides (प्रतिष्ठितम् 1/1) always (नित्यम् 0) in yajña (यज्ञे 7/1).






तत् च एवंविधम् कर्म कुतः जातम् इति आह
कर्म 2/1 ब्रह्मोद्भवम् 2/1 विद्धि II/1 ब्रह्म 2/1 अक्षरसमुद्भवम् 2/1
तस्मात् 5/1 सर्वगतम् 1/1 ब्रह्म 1/1 नित्यम् 1/1 यज्ञे 7/1 प्रतिष्ठितम् 1/1 ॥३.१५॥
कर्म 2/1 ब्रह्मोद्भवम् 2/1 [ब्रह्म 1/1 वेदः 1/1 सः 1/1 उद्भवः 1/1 कारणम् 1/1 प्रकाशकः 1/1 यस्य 6/1 तत् 1/1 कर्म 1/1 ब्रह्मोद्भवम् 1/1] विद्धि II/1 विजानीहि II/1 ब्रह्म 2/1 पुनः 0 वेदाख्यम् 2/1 अक्षरसमुद्भवम् 2/1 [अक्षरम् 1/1 ब्रह्म 1/1 परमात्मा 1/1 समुद्भवः 1/1 यस्य 6/1 तत् 1/1 अक्षरसमुद्भवम् 1/1] ब्रह्म 1/1 वेदः 1/1 इत्यर्थः 1/1 यस्मात् 5/1 साक्षात् 0 परमात्माख्यात् 5/1 अक्षरात् 5/1 पुरुष-निःश्वासवत् 0 समुद्भूतम् 1/1 ब्रह्म 1/1 तस्मात् 5/1 सर्व-अर्थ-प्रकाशकत्वात् 5/1 सर्वगतम् 1/1 सर्वगतम् 1/1 अपि 0 सत् 1/1 नित्यम् 0 सदा 0 यज्ञ-विधि-प्रधानत्वात् 5/1 यज्ञे 7/1 प्रतिष्ठितम् 1/1

4 comments:

  1. अक्षरं समुद्भवः कारणं यस्य तत् अक्षरसमुद्भवम् |

    Here is कारणं the meaning for समुद्भवः ?
    Should it be समुद्भवम् because of aksharam?
    अक्षरं समुद्भवं यस्य तत् अक्षरसमुद्भवम् |

    ReplyDelete
  2. Because of the alternate meaning of Veda that is taken from Brahma, it is mentioned as वेदः उद्भवः. Right?

    ब्रह्मोद्भवम् = ब्रह्म उद्भवं यस्य तत् – बहुव्रीहिः | is this also right with udbhavam ?

    ReplyDelete
  3. Om,
    Complement does not have to match the gender or number.
    Thank you,

    ReplyDelete
  4. And the प्रत्यय is अप् which makes masculine word.
    समुद्भवः, उद्भवः are the right forms.

    ReplyDelete

Please use this form to report typos, make suggestions, ask questions on grammatical points.
For English translation, interpretation, etc. Please refer to Bhagavad Gita Home Study Course.
Please note that this website is meant for grammar.
Thank you.

Medha Michika's books on Sanskrit Grammar are available at: Amazon in your country.

Free download of PDF files are available at Arsha Avinashi Foundation.