Tuesday, August 20, 2024

9th Chapter 16th Sloka

अहं क्रतुरहं यज्ञः स्वधाहमहमौषधम् ।

मन्त्रोऽहमहमेवाज्यमहमग्निरहं हुतम् ॥ ९.१६ ॥

 

ahaṃ kraturahaṃ yajñaḥ svadhāhamahamauṣadham |

mantro'hamahamevājyamahamagnirahaṃ hutam || 9.16 ||

 

अहम् 1/1 क्रतुः 1/1 अहम् 1/1 यज्ञः 1/1 स्वधा 0 अहम् 1/1 अहम् 1/1 औषधम् 1/1

मन्त्रः 1/1 अहम् 1/1 अहम् 1/1 एव 0 आज्यम् 1/1 अहम् 1/1 अग्निः 1/1 अहम् 1/1 हुतम् 1/1 ॥ ९.१६ ॥

 

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       क्रतुः [kratuḥ] = the ritual = क्रतु (m.) + S.C. to अहम् 1/1

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       यज्ञः [yajñaḥ] =the worship = यज्ञ (m.) + S.C. to अहम् 1/1

·       स्वधा [svadhā] = the food that is offered = अव्ययम्

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       औषधम् [auṣadham] = food in general = औषध (n.) + S.C. to अहम् 1/1 ।

·       मन्त्रः [mantraḥ] = the chants = मन्त्र (m.) + S.C. to अहम् 1/1

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       एव [eva] = = अव्ययम्

·       आज्यम् [ājyam] = the ghee = आज्य (n.) + S.C. to अहम् 1/1 ।

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       अग्निः [agniḥ] = the fire = अग्नि (m.) + S.C. to अहम् 1/1

·       अहम् [aham] = I am = अस्मद् m. + कर्तरि to [अस्मि] 1/1

·       हुतम् [hutam] = the oblation = हुत (n.) + S.C. to अहम् 1/1

 

 

I am the ritual; I am the worship; I am the food that is offered; I am food in general; I am the chants; I alone am the ghee; I am the fire (in the ritual) ; I am the oblation.

 

Sentence 1:

अहम् 1/1 क्रतुः 1/1 । अहम् 1/1 यज्ञः 1/1 । अहम् 1/1 स्वधा 0 । अहम् 1/1 औषधम् 1/1

अहम् 1/1 मन्त्रः 1/1 । अहम् 1/1 एव 0 आज्यम् 1/1 । अहम् 1/1 अग्निः 1/1 । अहम् 1/1 हुतम् 1/1 ॥ ९.१६ ॥

I am (अहम् 1/1) the ritual (क्रतुः 1/1); I am (अहम् 1/1) the worship (यज्ञः 1/1); I am (अहम् 1/1) the food that is offered (स्वधा 0); I am (अहम् 1/1) food in general (औषधम् 1/1); I am (अहम् 1/1) the chants (मन्त्रः 1/1); I (अहम् 1/1) alone (एव 0) am the ghee (आज्यम् 1/1); I am (अहम् 1/1) the fire (अग्निः 1/1) (in the ritual) ; I am (अहम् 1/1) the oblation (हुतम् 1/1).

 

 

यदि बहुभिः प्रकारैः उपासते, कथं त्वामेव उपासते इति, अत आह

अहं क्रतुः श्रौतकर्मभेदः अहमेव । अहं यज्ञः स्मार्तः । किञ्च स्वधा अन्नम् अहम् , पितृभ्यो यत् दीयते । अहम् औषधं सर्वप्राणिभिः यत् अद्यते तत् औषधशब्दशब्दितं व्रीहियवादिसाधारणम् । अथवा स्वधा इति सर्वप्राणिसाधारणम् अन्नम् , औषधम् इति व्याध्युपशमनार्थं भेषजम् । मन्त्रः अहम् , येन पितृभ्यो देवताभ्यश्च हविः दीयते । अहमेव आज्यं हविश्च । अहम् अग्निः, यस्मिन् हूयते हविः सः अग्निः अहम् । अहं हुतं हवनकर्म च ॥ १६ ॥

 

 

 

 

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